तिम्रै याद मा

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तिम्रै याद मा कयौं रात काटेकोछुदुबई मा !
एक मुठ्ठी प्राण फाल्न आँटेकोछु दुबई मा…..!!

कहि छैन सग्लो ठाउँ शिर देखी पाउ सम्म मक्कीएको लुगा सरी फाटेकोछुदुबई मा ……!!

तिम्रो मिठो बोली सुन्न मात्रै यहाँ जिवितैछु खुनको आँशु अमृत संझी चाटेकोछु ….!!

तिमी पराई हुंदा पनि गाकी छैनौ कतै भनी तिम्रो वारे सोध्नेलाई ढाँटेकोछु …….!!

थाहा छैन आफैलाई किन कस्को लागि अझै पसिनाले एक एक रियल साटेकोछु दुबई मा ….!!
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अमृत खड्का खोटाङ हौँचुर
राईसिँगे पागल खड्का गाउँ बस्ति ।
यो बिषय मा तपाई को धारणा राख्नु होस्स ।

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